झारखंड पारा शिक्षक नियमावली में होगा बदलाव/Jharkhand para teacher niyamawali


रांची:- पारा शिक्षकों के प्रस्तावित सेवा शर्त नियमावली में पारा शिक्षकों के द्वारा दिये सुझाव के अनुसार बदलाव किया जा रहा है। झारखंड शिक्षा परियोजना इसकी तैयारी शुरू कर दिया है। नियमावली में बड़ी बदलाव देखने को मिलेगा। अगले सप्ताह इसको लेकर के शिक्षा मंत्री एवं राज्य सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक करेंगे। नये वेतन-मान को पाने के लिए जो शर्त रखा गया है उसमें 60 प्रतिशत से कम अंक हो सकते है, साथ ही सीमित आकलन परीक्षा में न्यूनतम अंक में बदलाव हो सकता है।
60 प्रतिसत….
  नई सरकार की नई पहल में झारखंड के नये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पारा शिक्षकों के हित में फैसला लेंगे। पारा शिक्षकों को सीमित आकलन परीक्षा में कम से कम 40-45 प्रतिशत अंक की व्यवस्था की जा रही है, पुराने नियमावली के अनुसार 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिया गया था लेकिन अब इसमें संशोधन कर 40-45 प्रतिशत न्यूनतम पास अंक पर नियमावली बन रही है,अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग व दिब्यनग वर्ग अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत छूट दी जाएगी।और इस परीक्षा में पास करने के लिए 3 अवसर प्रदान किया जाएगा। पुराने नियमावली में 2 अवसर का वर्णन किया गया है ,ध्यान देने की जरूरत है कि 3 अवसर में भी सीमित आकलन परीक्षा पास नहीं करने वाले पारा शिक्षकों पर करवाई किया जा सकता है।
सेवा अनुभव पर भी होगी विचार…..

झारखंड पारा शिक्षक नियमावली में होगा बदलाव

नियमावली के अनुसार सीमित आकलन परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पारा शिक्षकों के लिए 10वर्ष का सेवा अनुभव अनिवार्य किया गया है, जिससे पारा शिक्षकों के द्वारा विरोध किया गया है, नियमावली में इस बिंदु पर भी बदलाव किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल की बैठक में पारा शिक्षकों की विशेष चर्चा….
नियम व प्रवधान को मानते हुए सरकार पारा शिक्षकों के हित बेहतर कार्य करेगी। पारा शिक्षकों के नियमावली बनाते हुए सरकार राज्य के 68000पारा शिक्षकों का भला करेंगे।